बौद्ध स्तूप संकिसा मे निकले बुद्ध के शिलापट्ट

अद्भुत: संकिसा 
उ,प्र,संकिसा बौध्द तीर्थ स्थल के पास बुद्ध का निकला प्राचीन शिलापट्ट।
April 26, 2020 •न्यूज साइटेशन।


 


 



सत्य और विज्ञान के प्रवर्तक और बौद्ध धर्म के संस्थापक तथागत गौतम बुद्ध के विश्व प्रसिद्धि( संकिसा स्तूप के निकट) सड़क खुदाई में तथागत बुद्ध के शिलापट्ट निकले जिनको देखकर बौद्ध धम्मालम्बियों में आस्था और विश्वास की लहर दौड गई। जानकारी मिलते ही पहुंचे यहां डाॅ. धम्मपाल थैरो ने शिलापट्ट को 2300 वर्ष पुराना बताया। सिलापट्ट को देखने वालों का यहां तांता लगा रहा। 
बताते चलें कि संकिसा स्तूप से संकिसा गेस्ट हाउस तक सड़क चैड़ीकरण का काम चल रहा है। सड़क के फुटपाथ के लिए आज जेसीबी से खुदाई की जा रही थी। उसी दौरान दोपहर बाद स्तूप के निकट खुदाई में तथागत बुद्ध के शिलापट्ट के दो टुकड़े मिले। एक पर तथागत बुद्ध की आकृति है। जैसे ही यह खबर लोगों को लगी तो पूरे इलाके भर में खुशी की लहर दौड़ गई। पांच फुट के शिलापट्ट पर तथागत बुद्ध विराजमान हैं। 
डाॅ. थैरो ने यहां पहुंचकर बताया कि यह शिलापट्ट 2300 वर्ष पुराना है। प्राचीन भारत मेें ऐसे शिलापट्ट बुद्ध विहारों के बीच लगाये जाते थे जिन पर तथागत गौतम बुद्ध की आकृति उकेरी जाती थी। मिले शिलापट्ट पर भगवान बुद्ध की मूर्ति आठ पंखुड़ियों के कमल के फूल में बनी है जो बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग दर्शाता है। इससे जीवन जीने की कला प्रदर्शित होती है। यहां पहुंचे बुद्ध अनुयायी डाॅ. कर्मवीर शाक्य ने भावुक लहजे में कहा कि भगवान बुद्ध का निकला शिलापट्ट उन लोगों के मुंह पर एक तमाचा है जो वर्षों से बुद्ध स्तूप को टीला बता रहे थे। बौद्ध अनुयायियों ने शिलापट्ट का पूजन कर तथागत बुद्ध के जयकारे लगाये। वहीं देश के दूर के इलाकों में बैठे बौद्ध अनुयायियों ने इस खबर को सुनकर खुशी व्यक्त की। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई के कुलपति प्रो॰ डाॅ. राजकुमार ने इस घटना को अद्भुत करार दिया।